
आयरन एक जरूरी मिनरल है, जो बॉडी के कई फंक्शन्स में अहम रोल निभाता है। ये हीमोग्लोबिन प्रोडक्शन का मेन पार्ट है, जिससे बॉडी में ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट होता है। लेकिन, आयरन की कमी दुनियाभर में सबसे कॉमन न्यूट्रिएंट डिफिशिएंसी में से एक है। इस ब्लॉग में जानेंगे कि आयरन क्यों जरूरी है, किसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, और कैसे अपने लेवल्स को ऑप्टिमल रखा जाए।
आयरन क्या है और ये जरूरी क्यों है?
आयरन एक ट्रेस एलिमेंट है जो हीमोग्लोबिन, मायोग्लोबिन और कुछ एंजाइम्स के प्रोडक्शन के लिए जरूरी है। ये सेलुलर एनर्जी प्रोडक्शन और इम्यून फंक्शन को सपोर्ट करता है। अगर बॉडी में पर्याप्त आयरन नहीं है, तो हेल्दी रेड ब्लड सेल्स नहीं बन पाते, जिससे एनीमिया हो सकता है।
बॉडी में आयरन की भूमिका
- ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट: आयरन हीमोग्लोबिन बनाने के लिए जरूरी है, जो रेड ब्लड सेल्स में मौजूद प्रोटीन है और ऑक्सीजन ले जाता है।
- एनर्जी मेटाबोलिज्म: ये सेलुलर लेवल पर एनर्जी प्रोडक्शन में मदद करता है।
- इम्यून सपोर्ट: आयरन इम्यून सेल्स के प्रोडक्शन में मदद करता है।
आयरन की कमी का रिस्क किन्हें है?
1. महिलाएं और प्रेग्नेंट लोग
चाइल्डबियरिंग एज की महिलाओं में पीरियड्स के दौरान खून की कमी के कारण आयरन की कमी का रिस्क ज्यादा होता है। प्रेग्नेंसी में, फेटल डिवेलपमेंट के लिए आयरन की जरूरत काफी बढ़ जाती है।
2. बच्चे
बच्चों को तेज़ ग्रोथ और दिमागी विकास के लिए आयरन चाहिए। इस दौरान आयरन की कमी से डिवेलपमेंट में देरी हो सकती है।
3. वेजिटेरियन और वेगन
प्लांट-बेस्ड डाइट्स में अक्सर हीम आयरन नहीं होता, जो सबसे आसानी से अवशोषित होने वाला फॉर्म है। इसी वजह से वेजिटेरियन और वेगन लोगों में आयरन की कमी का रिस्क ज्यादा होता है।
4. एथलीट्स
एंड्योरेंस एथलीट्स को 'स्पोर्ट्स एनीमिया' हो सकता है, जिसमें पसीना और पाचन तंत्र से खून बहने के कारण आयरन की कमी हो जाती है।
आयरन की कमी के संकेत
आयरन की कमी कई लक्षणों के रूप में दिखती है, जैसे थकान और कमजोरी से लेकर गंभीर मामलों में एनीमिया तक। आम संकेतों में शामिल हैं:
- फीकी त्वचा
- सांस फूलना
- हाथ-पैर ठंडे रहना
- नाख़ूनों का टूटना या कमजोर होना
- बार-बार इंफेक्शन होना
हेल्दी आयरन लेवल्स कैसे मेंटेन करें
1. डाइटरी सोर्सेज
आयरन दो फॉर्म्स में मिलता है: हीम और नॉन-हीम आयरन। हीम आयरन, जो एनिमल प्रोडक्ट्स जैसे रेड मीट, पोल्ट्री और फिश में मिलता है, बॉडी में आसानी से अब्जॉर्ब हो जाता है। नॉन-हीम आयरन, जो प्लांट-बेस्ड फूड्स जैसे दाल, बीन्स और फोर्टिफाइड सीरियल्स में होता है, उसकी बेहतर अब्जॉर्प्शन के लिए विटामिन C चाहिए।
2. सप्लीमेंट्स
आयरन सप्लीमेंट्स कई फॉर्म्स में मिलते हैं, जैसे फेरस सल्फेट और फेरस ग्लूकोनेट। ये आमतौर पर उन्हीं लोगों को रिकमेंड किए जाते हैं, जिनमें डिफिशिएंसी डायग्नोज हो चुकी है।
3. ज्यादा मात्रा से बचें
भले ही आयरन जरूरी है, लेकिन ज्यादा लेने से टॉक्सिसिटी हो सकती है, जिससे मतली, पेट दर्द और सीरियस केस में ऑर्गन डैमेज भी हो सकता है। कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले हमेशा हेल्थकेयर प्रोवाइडर से सलाह लें।
निष्कर्ष
आयरन हेल्थ और एनर्जी बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसका रोल समझना और डाइट या सप्लीमेंट्स के जरिए सही मात्रा लेना डिफिशिएंसी से बचाता है और ओवरऑल वेल-बीइंग को प्रमोट करता है। अगर आपको आयरन की कमी का शक है, तो बेस्ट ऑप्शन जानने के लिए हेल्थकेयर प्रोवाइडर से कंसल्ट करें।
संदर्भ
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